माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से ग़ज़ल होटल मामले में राहत मिल गई है . कोर्ट ने इस मामले में राहत देते हुए अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के खिलाफ निचली अदालत में चल रहे कार्यवाही और दाखिल चार्जशीट पर भी रोक लगा दी है. वही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी की गैंगस्टर एक्ट के तहत हुई 4 साल की सजा पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अफजाल अंसारी के बारे में यह फैसला अब 24 जुलाई को आएगा।
बात करें मुख्तार अंसारी के बेटों अब्बास अंसारी एवं उमर अंसारी की तो इनके ऊपर सरकारी जमीन को कब्जा करके उसके ऊपर गजल होटल का निर्माण कराने का आरोप लगा था। इस मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय और सरकारी वकील को सुनने के बाद यह कहा कि 2005 में जब रजिस्ट्री की गई थी उस समय याची नाबालिक थे. याचियों की तरफ से उनकी मां अफसा अंसारी ने रजिस्ट्री कराई थी। चूंकि याची घटना के वक्त नाबालिग थे इसलिए उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की जा सकती है.
सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस आधार पर अधीनस्थ न्यायालय में उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही एवं दाखिल चार्जशीट पर भी रोक लगा दी है.
गौरतलब है कि अब्बास अंसारी और उमर अंसारी पर यह आरोप लगा था कि उन्होंने सरकारी जमीन पर कब्जा कर ग़ज़ल होटल का निर्माण कराया था.
वहीं एक और महत्वपूर्ण मामले में बसपा के सांसद रहे अफजाल अंसारी पर हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति राजवीर सिंह ने दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनते हुए यह फैसला लिया। अफजाल अंसारी के वकील ने इस मामले में बहस करते हुए कोर्ट को बताया कि जिस मामले में याची को 4 साल की सजा हुई है उसके मूल मुकदमे में याची बाइज्जत बरी हो चुका है. इसलिए इस मुकदमे को दाखिल करने का कोई कारण नहीं बनता है. गौरतलब है कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में अफजाल अंसारी के ऊपर गैंगस्टर एक्ट लगा था ,जबकि उनकी हत्या के आरोप में अफजाल अंसारी पहले ही दोष मुक्त हो चुके हैं। याची ने अदालत से अपने खराब स्वास्थ्य के बारे में भी गुहार लगाते हुए कहा है कि उनकी सजा को रद्द किया जाए। इस मामले में फैसला अब 24 जुलाई को आएगा.