मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत नागर ने शिक्षण गुणवत्ता सुधार की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा है यदि शासन की गाइडलाइन के अनुरूप शिक्षकों ने शिक्षण कार्य नहीं किया और इसमें लापरवाही बरती तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। वे जिले में शिक्षण में सुधार के लिए आयोजित बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा की समस्त अध्यापकों द्वारा कक्षा 1 से 3 तक आधारशिला क्रियान्वयन एवं शिक्षण संदर्शिका के अनुसार ही शिक्षण कार्य किया जाना चाहिए, और कक्षा 4 से 8 तक शिक्षण योजना और शिक्षक डायरी का प्रयोग अवश्य होना चाहिए. ऐसा नहीं करने वाले शिक्षकों पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की.
बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा आए दिन ऐसी शिकायत मिल रही है शिक्षकों द्वारा अपने दायित्वों का सही ढंग से निर्वहन नहीं किया जा रहा है, और इस वजह से शिक्षा की गुणवत्ता कम हो रही है.
उन्होंने कहा की प्राथमिक शिक्षा ही वह शिक्षा होती है जिससे बच्चों का भविष्य निर्धारित होता है. यदि बच्चे का भविष्य खराब होता है तो कहीं ना कहीं आप सब की जिम्मेदारी मानी जाएगी. उन्होंने कहा कि अध्यापक अपने कार्यशैली में सुधार लाएं अन्यथा संबंधित ए आर पी, एस आर जी एवम खंड शिक्षा अधिकारी और अध्यापक पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा विद्यालयों नियमित जांच हो और लापरवाह अध्यापकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो. भविष्य में जांच के दौरान यदि कमियां पाई जाती हैं तो शासन को अवगत कराते हुए लापरवाह शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी. बैठक के दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार उपाध्याय समस्त खंड शिक्षा अधिकारी ए आर पी और एसआरसी उपस्थित थे