शासन की मंशा के विपरीत कार्य करने पर मऊ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार उपाध्याय ने 82 स्कूलों के 246 शिक्षकों का वेतन रोक दिया है।
गौरतलब है कि दिसंबर 2023 तक जिले के स्कूलों के कक्षा एक से ले कर 3 तक के बच्चों को शासन द्वारा प्रदत्त निपुण लक्ष्य हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। परंतु जिले के कुछ विद्यालयों में यह लक्ष्य न्यूनतम स्थिति में पाया गया है। इससे नाराज बेसिक शिक्षा अधिकारी ने न्यूनतम लक्ष्य वाले विद्यालयों के समस्त अध्यापकों का वेतन बाधित कर दिया है।
जिले में 1208 परिषदीय विद्यालयों में 1.49 लाख बच्चे पंजीकृत हैं। शासन ने निपुण भारत मिशन के तहत पहली से तीसरी कक्षा के बच्चों को भाषा और गणित में निपुण बनाने को निर्देश दिया है। शिक्षा सत्र का 232 दिन बीत गए, इसकी प्रगति में सुधार नहीं हो रहा। मुख्य विकास अधिकारी की समीक्षा बैठक में सितंबर में 82 विद्यालयों में निपुण लक्ष्य की प्रगति न्यून मिली। इस पर उन्होंने संबंधित विद्यालयों के शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। मुहम्मदाबाद गोहना ब्लाक के प्रावि शमशाबाद दो, कंवि लग्गूपुर, प्रावि काजीपुर बस्ती, प्रावि याकूबपुर, प्रावि शंभूपुर, प्रावि काजीपुर बस्ती, प्रावि देवरिया छोटी सहित 21 विद्यालयों में बच्चों की निपुण दक्षता 11 से 18 प्रतिशत मिली है। इसी तरह घोसी ब्लाक के प्रावि हाजीपुर, कंवि आदमपुर, प्रावि जिगिना, प्रावि सरफूपुर, प्रावि रसूलपुर, कंवि बड़ागांव, कंवि बड़ागांव, कंवि सरहरा जमीन सरहरा सहित नौ विद्यालयों में बच्चों की निपुण दक्षता 15 से 18 प्रतिशत मिली है। परदहां में प्रावि नसोपुर में 36.4 निपुण दक्षता मिली है। इसी तरह कोपागंज ब्लाक के 11 विद्यालयों में बच्चों की निपुण दक्षता पांच से 16 प्रतिशत मिली है। दोहरीघाट के छह विद्यालयों में 10 से 18 प्रतिशत और रानीपुर ब्लाक के 12 विद्यालयों में बच्चों की निपुण दक्षता 13 से 16 प्रतिशत मिली है। बड़रांव ब्लाक के 8 विद्यालयों में निपुण दक्षता 0.3 से 14 प्रतिशत और रतनपुरा ब्लाक के दो विद्यालयों में शून्य से 14 प्रतिशत मिली है।